चाय के दुकानों पर की क्रांति (Revolutions at the tea stalls)
देखा है चाय की दुकानों पर रोज़ होती क्रांतियों को, प्रश्नचिन्ह लगते शासकों पर, विदेशनीति की बखिया उधेरते ज्ञानकुम्भों को, सवालों की बेतरतीब बौछार करते नवयुवकों को, और, देखा है उन क्रांतियों के उफान को चाँद मिनटों में थमते हुए, प्रश्नचिन्हो को पूर्णविराम बनते हुए, ज्ञानकुम्भों का ज्ञान सूखते हुए, और नवयुवकों का जोश पानी […]