
सोशल कॉप्स द्वारा दिल्ली में प्रदूषण जाँचने का सस्ता, आसान तरीक़ा
इसका मतलब ये है कि ये ऑटोरिक्शा पूरी दिल्ली में जहाँ जहाँ जाएँगे, उसके हर लोकेशन के प्रदूषण का आँकड़ा हर तीस सेंकेंड में इनके सर्वर पर भेजा जाता रहेगा।
इसका मतलब ये है कि ये ऑटोरिक्शा पूरी दिल्ली में जहाँ जहाँ जाएँगे, उसके हर लोकेशन के प्रदूषण का आँकड़ा हर तीस सेंकेंड में इनके सर्वर पर भेजा जाता रहेगा।
बहरहाल, दो बातें सामने हैं कि डील हुई थी और मनमोहन सरकार के समय ही हुई थी। डील में धूस देने वाले पकड़े जा चुके हैं लेकिन घूस लेने वाले का अता पता नहीं है।
ये पोस्ट मेरे उन मित्रों और छात्रों के लिए हैं जो फ़िल्मकार बनना चाहते हैं। ख़ासकर उनके लिए जो कहानी कहना चाहते हैं, लिखना चाहते हैं और फिर डायरेक्ट करना चाहते हैं। बीस से पच्चीस साल के होने का दौर वो दौर होता है जब हर कोई कुछ रिवॉल्यूशनरी या ‘हटके’ करना चाहता है। हर […]
लेकिन पचड़ा ये फँस गया है कि दो दिन पहले ही ग़रीब कन्हैया कैपिटलिस्ट ताक़तों के विरोध में बोलने हेतु जेट एयरवेज़ की फ़्लाइट से, दुनिया की सबसे ज़्यादा प्रॉफिट कमाने वाली फ़ोन कम्पनी एप्पल के आइफोन से, दुनिया के बहुत बड़े सोशल मीडिया ट्विटर पर अपने ऊपर हुए अत्याचार की फ़र्ज़ी कहानी कहते हुए धरा गए।
Kanhaiya is the disgusting face of neo-communists which revels in a high end restaurant, travels in air, uses the costliest smartphone, puts on a great leather jacket with his soles cushioned by some good quality sports shoes and then convincingly yells about poverty, ideology, literacy and what not.
किताबें पढ़ने के लिए मत पढ़िए। किताबें मेट्रो के पोल में लटक कर दूसरे को इम्प्रैस करने के लिए मत पढ़िए। किताबें टाइम पास के लिए मत पढिए। किताबें बस पढ़िए। पढ़ते रहिए, पढ़ते रहना चाहिए।
कभी कभी कोई मित्र, पूर्व छात्र, फ़ेसबुक फ्रेंड आदि हमारे साथ कोई विडियो शेयर कर के राय माँग लेते हैं कि कैसी लगी आपको, बताइएगा। हमसे क्यों राय माँगते हैं, ये हमें पता नहीं लगा लेकिन हो सकता है कि उन्हें लगता हो कि हमें ज़्यादा समझ में आती है बातें। बता दूँ कि हमें […]
राम मंदिर बने या नहीं, हमको कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। ख़ैर हम तो नास्तिक आदमी हैं। हाँ हिंदू भी हैं, और गौरवान्वित भी महसूस करते हैं। लेकिन राम मंदिर बने या ना बने, इससे हमको एक पैसा फ़र्क़ नहीं पड़ता। फ़र्क़, पता है, किसी को नहीं पड़ता। इतने मंदिर हैं, उसकी परवाह कर लो। जो […]
लिबरल लोगों का नया प्रपंच छपा है हिन्दुस्तान टाइम्स में कि मसूद अज़हर को भारत की ओर सोचता भी नहीं अगर बाबरी मस्जिद को नहीं तोड़ा जाता। आ हा हा! केतना नोबल थॉट है। मसूद अज़हर तो बेचारा कितना सहृदय आदमी था, अपने काम से मतलब रख रहा था। दो बम इधर मारा, दो उधर… […]
दो दिन पहले असम में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को काँग्रेस की जगह भाजपा को वोट करने पर इस्लाम के ‘तलाक़, तलाक़, तलाक़’ के क़ानून का प्रयोग करते हुए तलाक़ दे दिया। तीन बार तलाक़ और कुछ नहीं बस विशुद्ध मूर्खता है। इसको किसी भी तरह से जस्टिफाइ करने वाले भी आले दर्जे के […]